लोकतांत्रिक व्यवस्था का संकट (Crisis of the Democratic Order) Political Science chapter-6
लोकतांत्रिक व्यवस्था का संकट (Crisis of the Democratic Order)
Class 12 | Chapter 6
हिंदी नोट्स
याद रखने योग्य बातें
- आपातकाल : श्रीमती इदिरा गाँधी के प्रधानमंत्री कालांश में जून 1975 से 1977 तक आपातकाल जारी रहा।
- 1971 में बांग्लादेशवासियों का भारत आगमन : लगभग 80 लाख लोग।
- बढ़ती कीमतों के दो उल्लेखनीय वर्ष : 1. 1973 में चीजों की कीमतों में 23 प्रतिशत और 2. 1974 में 30 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हुई।
- मानसून की असफलता का उल्लेखनीय वर्ष : 1972-73
- खाद्यान्न के उत्पादन में 1972-73 में भारी गिरावट का प्रतिशत : 8 प्रतिशत।
- नक्सलवादी : मार्क्सवादी (लेनिनवादी) (अब माओवादी)।
- गुजरात आंदोलन का प्रारंभ : जनवरी, 1974 खाद्यान्न, खाद्य तेल और जरूरी वस्तुओं की बढ़ती कीमतें प्रमुख कारण थे।
- 1974 के बिहार आंदोलन का नारा : "संपूर्ण क्रांति अब नारा है-भावी इतिहास हमारा है"।
- बिहार आंदोलन के सर्वोच्च नेता : जय प्रकाश नारायण।
- 1974 में कांग्रेस अध्यक्ष डी. के. बरुआ का नारा : 'इंदिरा इज इंडिया, इंडिया इज इंदिरा'।
- चारु मजूमदार का जीवन कालांश : कम्युनिस्ट क्रांतिकारी और नक्सलवादी बगावत के नेता का जीवन कालांश (1918-1972)।
- नक्सलवादियों का भारतीय लोकतंत्र के प्रति दृष्टिकोण का मूल विचार : उनके अनुसार भारत में लोकतंत्र एक छलावा है।
- गुरिल्ला युद्ध : थोड़े से लोगों द्वारा बड़ी सैन्य शक्ति के विरुद्ध छुपकर लड़ने की युद्ध नीति।
- 1969 में नक्सली प्रभाव क्षेत्र का विकास : देश के करीब नौ राज्यों के 75 जिले।
- 70 के दशक के सर्वाधिक लोकप्रिय गैर-कांग्रेसी, समाजवादी नेता : जय प्रकाश नारायण-जे.पी. (1902-1979)।
- जे.पी. आंदोलन को जन्म देने वाली तीन प्रमुख शक्तियाँ या कारक : 1. देश में व्याप्त भ्रष्टाचार, 2. देश में व्याप्अव्यवस्था तथा विधि विहीनता, 3. देश के अनेक प्रदेशों में व्यापक हिंसा
- 1974 की रेल हड़ताल के प्रमुख नेता : जार्ज फ़र्नाडिस।
- प्रतिबद्ध न्यायपालिका और प्रतिबद्ध नौकरशाही का अर्थ : देश के न्यायाधीश और अधिकारी शासक दल के प्रति निष्ठावान हों। आपातकाल से पहले यह निंदनीय विचार तत्कालीन कांग्रेसी सरकार के नेताओं द्वारा प्रस्तुत किया गया।
- न्यायमूर्ति ए.एन. रे : 1973 में कांग्रेस सरकार ने तीन वरिष्ठ न्यायाधीशों की अनदेखी करके श्री रे को देश का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया था ।
- आपातकाल की घोषणा का दिन : 25 जून, 1975 (यह आपातकाल 18 महीने जारी रहा)।
- संविधान के अनुच्छेद 352 की विशेष व्यवस्था : 1975 में देश में आंतरिक गड़बड़ी की आशंका का तर्क देकर इस अनुच्छेद के अंतर्गत आंतरिक आपातकाल की घोषणा की गई थी। प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद आपातकाल की घोषणा की सिफारिश की थी।
- प्रेस सेंसरशिप : समाचार पत्रों में कुछ भी छपने से पहले सरकारी अनुमति लेना आवश्यक करना ही प्रेस सेंसरशिप के नाम से जाना जाता है।
- 42वें संविधान संशोधन द्वारा सर्वाधिक चर्चित बदलाव : देश की विधायिका के कार्यकाल को 5 साल से बढ़ाकर 6 साल कर दिया गया।
- शाह आयोग : 1977 में जनता पार्टी की सरकार द्वारा भूतपूर्व मुख्य न्यायाधीश श्री जे.पी. शाह की अध्यक्षता में गठित आयोग।
- बीस सूत्री कार्यक्रम : आपातकाल में इंदिरा सरकार द्वारा भूमि, पुनर्वितरण, खेतिहर मजदूरों के पारिश्रमिक पर पुनर्विचार प्रबंधन में कामगारों की भागीदारी, बंधुआ मजदूरी की समाप्ति आदि मसले शामिल थे।
- मार्च, 1977 के चुनाव में आश्चर्यजनक परिणाम: उत्तर भारत में केवल राजस्थान और मध्य प्रदेश से कांग्रेस को एक-एक लोकसभा की सीट मिली. प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी रायबरेली से और उनके पुत्र संजय गाँधी अमेठी से चुनाव हार गए।
- चौधरी चरण सिंह का जीवन काल 1902-1987
- जगजीवन राम का जीवन काल : 1908-1986
- 1980 का उल्लेखनीय परिणाम : इंदिरा गाँधी की वापसी और इंदिरा सरकार का एक बार पुनः गठन।
- 1980 के चुनाव में कांग्रेस का सर्वाधिक लोकप्रिय लुभाने वाला नारा रहा : इंदिरा बुलाओ, देश बचाओ।
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